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सावन महीने में भगवान शिव विशेष रूप

 सावन का महीना हिन्दू पंचांग में एक महीना होता है

जो श्रावण मास के रूप में भी जाना जाता है।




यह मान्यता है कि इस महीने में वृषभ राशि (Taurus) और कर्क राशि (Cancer) में वृषभ नक्षत्र के साथ आते हैं। सावन का महीना भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है और इसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों के लिए प्राथमिकता दी जाती है।



यह माना जाता है कि सावन के महीने में बारिश के कारण पृथ्वी पर खाद्य उत्पादन बढ़ता है और वनस्पतियों का प्रकोप होता है। इसलिए, किसानों के लिए सावन का महीना खेती के लिए आरामदायक माना जाता है।



सावन का महीना हिन्दू धर्म में भगवान शिव के उपासना और व्रतों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा करने का विशेष महत्व होता है। कई लोग सावन के महीने में सोमवार (शिववारी) को व्रत रखते हैं और भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।



इसके अलावा, सावन का महीना भक्ति, संगीत, नृत्य और पर्वतीय जीवन के विभिन्न आयोजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। कई लोग इस महीने में भजन-कीर्तन करते हैं और भक्ति में लीन होते हैं।

सावन का महीना खास इसलिए होता है क्योंकि इसमें जल, बारिश और नदियों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जो प्राकृतिक उर्जा और शुद्धता के प्रतीक हैं। इसके अलावा, यह मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव विशेष रूप से विद्यमान होते हैं और इसका मान्यता से उपासना करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

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